29 वाँका चेला क्यो, “देको, अबाणू थाँ खुलन बाताँ केरिया हो अन कुई केणी ने केरिया हो।
ईं हारी बाताँ ईसू लोगाँ ने केणीऊँ बतई अन ईसू लोगाऊँ बना केणी के कई भी ने केता हा।
वणा वाँने या बात हाँची बता दिदी। पछे पतरस वींने एक आड़ी लेग्यो अन तापड़्यो।
ईसू वाँकाणी या केणी क्यो, पण वीं हमज ने सक्या के, वीं वाकाँऊँ कई केरिया हे।
“में ईं बाताँ थाँकाऊँ केण्याँ में किदी हे। पण वाँ टेम आरी हे के, मूँ थाँकाऊँ पाच्छी केण्याँ में बाताँ ने करूँ। पण खुलन थाँने बाप का बारा में बताऊँ।