24 अबाणू तईं थाँ मारा नामऊँ कई ने माग्यो, मांगो तो पावो अणीऊँ थाकी खुसी पुरी वे जाई।
ईं वाते थाँ ईं तरियाँ परातना करिया करो, “‘हो माकाँ बापू, थाँ ज्यो हरग में हे, थाँको नाम पुवितर मान्यो जावे।
ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो, “थाँ दकी मती वेवो, पण परमेसर पे विस्वास राको अन मारा पे भी विस्वास राको।
यद्याँ थाँ माराऊँ मारा नामऊँ कई मांगो, तो मूँ वो करूँ।”
“में ईं बाताँ थाँकाऊँ ईं वाते किदी, ताँके मारो आणन्द थाँने मले अन थाँको आणन्द पूरो वे जावे।
“वीं दन थाँ माराऊँ कई ने पूछो। मूँ थाँने सई-सई केवूँ हूँ यद्याँ मारा बापूऊँ कई मांगो तो वो मारा नामऊँ थाँने दी देई।
वोईस बींद हे, जिंकी लाड़ी हे, पण बींद को यार ज्यो ऊबो रेन वींकी हुणे अन वो बींद की वाणीऊँ घणो राजी वेवे हे। अस्यानीस मारो आणन्द पूरो व्यो हे।
बापू परमेसर अन परबू ईसू मसी की दया अन सान्ती थाँका पे वेती रेवे।
मारा नके लिकबा का वाते तो घणी बाताँ हे, पण मूँ तो ओ छावूँ के, थाँने ईं बाताँ सई अन कलमऊँ ने लिकूँ, पण मने आस हे के, थाँका हामे बेटन थाँकाऊँ बाताँ करूँ, जणीऊँ आपणो आणन्द पूरो वे सके हे।