वो हूळी पे दक भोगन मरिया केड़े पाका सबूत का हाते नरी दाण परगट व्यो, वो जीवतो हे। अन चाळी दनाँ तईं चेला वींने देक्यो अन वो वाँने परमेसर का राज का बारा में बतातो रियो।
विस्वास का मालिक अन वींने सिद करबावाळा ईसू मसी का आड़ी आपाँ देकता रा। जणी आपणाँ हामें राक्या तका आणन्द का वाते लाज-सरम की चन्ता ने किदी अन हूळी पे दुक जेल्यो अन परमेसर की गादी के जीमणे पाल्डे जान बेटग्यो।