थाँ मने ने चुण्यो पण में थाँने चुण्या हे अन थाँने ठेराया हे के, थाँ अस्या फळ-फळो जीं हमेस्या बण्या रेवे। तद्याँ थाँ मारा नामऊँ ज्यो कई बापऊँ मांगो, वो थाँने दे।
मसी का बचना ने आपणाँ हरदा में नराऊँ-नरा वसबा दो अन हाराई ग्यानऊँ एक दूजाँ ने हिकावो अन हेंचेत करता रेवो। थाँका हरदाऊँ परमेसर को धन्नेवाद करता तका भजन, बड़ई का गीत अन आत्मिक गीत गाता रेवो।
हो भूण्डा मनकाँ, मूँ थाँने ईं वाते लिकूँ हूँ, काँके थाँ परमेसर ने जाण लिदा हे, जीं सरुवातऊँ हे। हो मोठ्याराँ, मूँ थाँने ईं वाते लिकूँ हूँ, काँके थाँ जोरावर हो, थाँ परबू का बचन ने मानो हो अन बुरई ने भी छेटी कररिया हो।
जद्याँ तईं थाँकी बात हे, थाँको अभिसेक वणीऊँ हे ज्या पुवितर आत्मा थाँकामें वास करे हे, ईं वाते थाँने तो ओ जरूत कोयने के, कुई उपदेस देवे, पण थाँने तो ज्यो आत्मा दिदी गी हे, वाँ यो हारोई हिकावे हे। आद राको आत्मा जो हिकावे हे, वो हाँच हे जूट कोयने हे। आत्मा की हिकावण ने मानो अन मसी में बण्या तका रेवो।