3 थाँ तो वणा बचनाँने मानबा का मस ज्यो में थाँकाऊँ क्यो हे पेल्याऊँ साप हो।
ईसू वींने क्यो, “ज्यो हापड़ चुक्यो हे वाँने पगा के अलावा कई धोबा की जरुरत ने हे। पण एक ने छोड़न थाँ हाराई सई हो।”
ज्याँ डाळी मारा में हे अन फळ ने लावे हे, वो वींने काट नाके हे अन ज्या फळ देवे हे, वींने वो छांगे हे, ताँके वाँ साप वे सके अन ओरी फळ लावे।
हाँचऊँ वाँने पुवितर करन थाँरी सेवा का वाते त्यार कर। थाँका बचन हाँचा हे।
मूँ वाँका वाते खुद ने पुवितर करन थाँरी सेवा करबा का वाते देवूँ हूँ। जणीऊँ वीं भी हाँचऊँ पुवितर वेन थाँरी सेवा का वाते खुद ने दिदे।
अबे जद्याँ थाँ हाँच ने मानता तका, हाँचा भईचारा का परेम ने बताबा का वाते आपणी आत्माने पुवितर कर लिदी हे, ईं वाते थाँ एक-दूँजा में पुवितर मनऊँ परेम करबा की मनसा बणालो।