14 ज्या आग्या मूँ थाँने देवूँ हूँ, यद्याँ वींने मानो तो थाँ मारा दोस्त हो।
काँके ज्यो कुई मारा हरग का बाप की मरजी पे चाले, वो मारो भई, मारी बेन अन मारी बई हे।”
“पण, हो मारा हण्डाळ्याँ, मूँ थाँकाऊँ कूँ हूँ के, वाँकाऊँ मती दरपो, जी खाली थाँकी देह को नास कर सके हे। पण, वींका केड़े वीं कई ने कर सके हे, वाँकाऊँ दरपो मती।
अबे थाँ यो हाँच जाणग्यो हो अन यद्याँ थाँ अस्यान करो तो परमेसर थाँने आसीस देई।
ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो, “यद्याँ थाँकाणी माराऊँ परेम राको तो, तो मारी आग्या भी मानो।
जीं मारी आग्या माने हे। वींइस माराऊँ परेम करे हे अन ज्यो माराऊँ परेम राके हे, वाँकाऊँ मारा परमेसर परेम राकी, अन मूँ वाँकाऊँ परेम राकूँ अन आपणाँ खुद ने वाँका पे परगट करूँ।”
थाँ हुण्यो हे के में थाँकाऊँ क्यो, ‘मूँ जारियो हूँ पण थाँका नके पाछो आऊँ।’ यद्याँ थाँ माराऊँ परेम राकता तो थाँ राजी वेता के, मूँ बापू परमेसर का नके जारियो हूँ। काँके बापू परमेसर माराऊँ मोटा हे।
ईसू की माँ नोकर-चाकरऊँ क्यो, “वो ज्यो कई थाँकाऊँ केवे, थाँ वो करज्यो।”
अन ईं तरियाँ सास्तर में लिक्यो तको बचन पूरो व्यो के, “अबराम परमेसर पे विस्वास किदो, जणीऊँ वो धरमी मान्यो ग्यो,” अन परमेसर को दोस्त केवायो ग्यो।
परमेसरऊँ परेम करबा को ओ मतलब हे के, आपाँ वींका आदेस मानाँ हा अन वींका आदेस मानणा अबका कोयने हे।