कुई भी माराऊँ मारो जीवन ने ले सके, पण मूँ खुदई दी देऊँ हूँ। मने ईंने देबा को हक हे अन पाछो लेबा को भी हक हे। परमेसर मने अस्यान करबा का वाते आग्या दिदी हे।”
थाँ वींने ने जाणो हो, पण मूँ वींने जाणूँ हूँ। यद्याँ मूँ केतो के, मूँ वींने ने जाणतो, तो मूँ थाँका जस्यान जूट बोलवावाळो जूटो ठेरतो। पण मूँ वींने जाणूँ हूँ अन वींका बचना को पालण करूँ हूँ।
हो भायाँ-बेना, माँ थाँकाऊँ परबू ईसू का नाम में आ अरज करा अन थाँने हमजावा हाँ के, जस्यान थाँ माँकाऊँ परमेसर ने राजी करबावाळो जीवन जीणो हिक्यो अन वस्यानीस जीवो भी हो, वींमें ओरी बड़ता जावो।
पण ज्यो भी मनक परमेसर का बचना ने माने हे, तद्याँ वींका में परमेसर को परेम रेवे हे, काँके योईस एक गेलो हे, जणीऊँ आपाँ परमेसर में कल्डा बण्या तका रे सका हा।