अन पछे वाँ दुई जणा क्यो, “ओ गलील का रेबावाळा, थाँ अटे ऊबा-ऊबा आकास में काँ देकरिया हो? वीं ईसू, जीं आज अटूँ हरग में पराग्या वस्यानीस, एक दन थाँ वाँने पाच्छा हरगऊँ आता तका देको।”
अन यद्याँ आपाँ वींकी ओलाद हा, तो परमेसर का वारिस अन मसी का हाते पांतीदार भी हा। अन यद्याँ हाँची में आपाँ वींके हाते दक-सक में पांतीदार हा, तो वींके हाते आपाँने भी मेमा भी पांतीदार हा।
वस्यान मसी भी एक दाणइस नरई का पापाँ ने छेटी करबा का वाते बलीदान व्यो हे। वो अबे पापाँ ने छेटी करबा का वाते ने, पण ज्यो वींकी वाट नाळरिया हे वाँका छूटकारा का वाते दूजी दाण परगट वेई।