2 मारा परमेसर का घर में नरी रेवा की जगाँ हे, यद्याँ ने वेती तो मूँ थाँकाऊँ के देतो। काँके मूँ परमेसर का घर में थाँका वाते जगाँ त्यार करबा ने जावूँ हूँ।
पण में ईं बाताँ ईं वाते थाँने क्यो के, जद्याँ अणाको टेम आई तो थाँने आद आ जई के, में थाँने पेल्याई के दिदो हो। “में सरू में थाँने ईं बाताँ ईं वाते ने किदी, काँके मूँ थाँका हाते हो।
आपाँ जाणा हाँ के, ईं धरती पे आपणी देह रूपी घर भगाड़ दिदो जाई पछे आपाँने परमेसर का आड़ीऊँ हरग में कदी नास ने वेबावाळो घर मली वो मनकाँ का हाताऊँ बणायो तको ने वेई।
ज्यो भी जिती वींने मूँ परमेसर का मन्दर को थम्बो बणाऊँ। अन वींके केड़े, वो कदी बारणे ने जाई। मूँ वींपे मारा परमेसर को नाम लिकूँ। मूँ वींपे नुवो यरूसलेम को नाम लिकूँ, जो परमेसर का हरगऊँ उतरबावाळो हे। मूँ वींपे मारो नुवो नाम भी लिकूँ।