थाँ मने ने चुण्यो पण में थाँने चुण्या हे अन थाँने ठेराया हे के, थाँ अस्या फळ-फळो जीं हमेस्या बण्या रेवे। तद्याँ थाँ मारा नामऊँ ज्यो कई बापऊँ मांगो, वो थाँने दे।
ईसू वींने जवाब दिदो, “यद्याँ थूँ परमेसर का दान ने जाणती, अन ओ भी जाणती वो कुई हे, ज्यो थाँराऊँ केवे हे, ‘मने पाणी पा’, तो थूँ वणीऊँ मांगती अन वो थने जीवन को जळ देतो।”
ईं वाते थाँ एक दूजाँ का हामे खुद का पाप ने मानलो अन एक दूजाँ का वाते परातना करता रेवो, जणीऊँ थाँ हव वे जावो। धरमी मनक की परातना घणी जोरवार अन असर करबाळी वेवे हे।
थाँ भी जीवता भाटा का जस्यान हो थाँने आत्मिक मन्दर का रूप बणाया जारिया हे, जणीऊँ थाँ पुवितर याजक का जस्यान बणन अस्यान का आत्मिक बलीदान चड़ावो, जो ईसू मसी के वजेऊँ परमेसर के चड़ाबा का जोगा वेवे।