अन ईसू वणी लगई की आड़ी फरन समोनऊँ क्यो, “कई थूँ अणी लुगई ने देकरियो हे? मूँ थाँरा घरे आयो पण थें मारा पगा ने धोबा का वाते पाणी भी ने दिदो, पण अणी मारा पगा ने आसूऊँ धोयाँ अन केसऊँ पूँछ्या हे।
अन जिंको हव काम करबा में नाम मान्यो तको वे, अन ज्या आपणाँ बाळकाँ ने हव तरिया पालण किदो वे, जणी अणजाण की भी सेवा किदी वे, परमेसर का लोगाँ की आपणाँ घर में आवभगत किदी वे, दकी मनकाँ की मदत किदी वे, अन जणी खुद हाराई भला काम करबा में आपणो मन लगायो वे।
अन यद्याँ आपाँ केवा के, आपाँ वींके हाते उजिता में हा अन वींके जस्यानीस उजिता में चाला हा, तो आपाँ एक विस्वासी का जस्यान एक-दूजाऊँ मलन रेवा हा अन परमेसर का बेटा ईसू मसी को खून आपणाँ हाराई पाप ने धो देवे हे।
ईसू मसीइस हे, ज्यो आपणाँ नके पाणी को बतिस्मो लेबा अन आपणो लुई वेवाड़ ने आया, वीं खाली पाणी को बतिस्मो लेबा वाते ने आया, पण वो पाणी को बतिस्मो लेबा अन आपणो लुई वेवाड़ का वाते आया हाँ अन अणी बात की गवई परमेसर की आत्मा खुद देवे हे, काँके आत्माइस हाँची हे।
में वणीऊँ क्यो, “हे मालिक, थाँ तो जाणोई हो।” तो वणा माराऊँ क्यो, “ईं वीं मनक हे जी कळेस जेलन आया हे अन अणा आपणाँ गाबा ने उन्याँ का लुईऊँ धोन धोळा किदा हे।