ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो, “जो थाँकी हुणे हे, वी मारी हुणे हे अन ज्यो थाँने बेकार हमजे हे वीं मने भी बेकार हमजे हे। अन ज्यो मने बेकार हमजे हे वीं मने खन्दाबावाळा ने भी बेकार हमजे हे।”
मारे देह की कमज्योरी का मस मूँ थाँका पे बोज बण्यो तो भी थाँ मारो अपमान ने किदो अन ने मारा पे रिस्याँ बळ्या, पण मने परमेसर को हरग-दुत हमज मारी आवभगत किदी के, जस्यान मूँईस ईसू मसी हूँ।