17 अबे थाँ यो हाँच जाणग्यो हो अन यद्याँ थाँ अस्यान करो तो परमेसर थाँने आसीस देई।
काँके ज्यो कुई मारा हरग का बाप की मरजी पे चाले, वो मारो भई, मारी बेन अन मारी बई हे।”
ईंपे ईसू वींने क्यो, “हाँ, पण अणीऊँ भी हेला धन्ने हे वी, जी परमेसर की वाणी हुणे अन माने हे।”
ज्या आग्या मूँ थाँने देवूँ हूँ, यद्याँ वींने मानो तो थाँ मारा दोस्त हो।
काँके परमेसर की देकणी में नेमा ने हूणबावाळा धरमी ने हे, पण नेमा के जस्यान चालबावाळाइस धरमी ठेरिया जाई।
काँके ईसू मसी ने मानबा का वाते ने तो खतनो करबा की जरूत हे अन ने खतनो ने करबा की, पण वाँमें तो बेस परेम का हाते विस्वास करबा की जरूत वेवे हे।
पण ज्यो आजादी देबावाळी परमेसर की हिक पे ध्यान लगावे अन चाले हे, वो आपणाँ काम में आसीस पाई, काँके ज्यो वो हुणे हे वींने भूले कोयने अन जस्यान वो हुणे हे वस्यानीस वो करे हे।
अन जो मनक भलई करणो जाणे हे, पण ने करे, तो वो पाप करे हे।
धन्न हे वाँने जीं आपणाँ गाबा धो लेवे हे। वाँने जीवन का रूँकड़ा का फळ खाबा को अदिकार वेई। वीं फाटकऊँ नगर में जाबा का अदिकारी वेई।