“मूँ थाँका हाराई का वाते ने केवूँ हूँ, जाँने में चुण लिदा वाँने मूँ जाणूँ हूँ, पण यो ईं वाते हे के, पुवितर सास्तर को यो लेक पूरो वे, ‘ज्यो मारा रोटा खावे हे, वीं मारा पे लात उठई।’
हो मारा प्यारा भायाँ, आपणाँ नके परमेसर को दिदो तको करार हे। ईं वाते थाँ आवो, अन परमेसर को मान करता तका खुद ने पुवितर करबा का वाते खुद की आत्माने अन देह ने मयनेऊँ अन बारणेऊँ हुगली चिजाँऊँ पुवितर करो।