“पण जद्याँ वो नोकर बारणे आयो, तो वींका हाते का नोकराऊँ मेंऊँ एक नोकर वींने मल्यो ज्यो वींको हो दिनार को करजदार हो, वाँकाणी वाँने पकड़न वींको गळो दबायो अन क्यो, ‘ज्यो कुई थाँराऊँ लेणो हे वो दिदे।’
ईं वाते आपणी धन-दोलत ने बेचन दान कर दो अन आपणाँ वाते अस्या खुल्या वणावो, जी जूना ने वेवे हे। हरग में अस्यो धन भेळो करो, ज्यो ने घटे अन नेई कुई वींको नकसाण कर सके हे अन नेई वटे कुई चोर जा सके हे अन ने वटे किड़ा लागे हे।
ओ हूँणन ईसू वींने क्यो, “थाँरा में अबे भी एक कमी हे। आपणी हारी धन-दोलत ने गरीबा में बाँट दे अन पाछो आने मारे पाच्छे चाल थने हरग में धन-दोलत को खजानो मली।”
वाँकाणी या बात ईं वाते ने की के, वींने गरीबा की चन्ता ही। पण ईं वाते क्यो, काँके वो चोर हो। वाँका नके वाँके रिप्या की नोळी ही अन वो वींमेंऊँ रिप्या काड़ लेतो हो।
यहूदा का नके रिप्या की नोळी रेती ही। ईं वाते वाँकाणी यो हमज्या के, ईसू वणीऊँ केरियो हे के, ज्यो कई आपाँने तेवार के वाते छावे वो मोल लिले कन पछे गरीबा ने कई दिदे।