ईसू वींने क्यो, “कई थाँ पवितर सास्तर में ओ ने भण्यो के, “‘जणी भाटा ने राज कारीगर बेकार जाण्यो हो, वोईस खुणा को खास भाटो बणग्यो। ओ परबू का आड़ीऊँ व्यो, अन मारी नजर में मोटी बात वीं?’”
अन वो वाँने हिकाबा लागो, “मनक का पूत(ईसू) ने घणो दुक जेळणो पेड़ी अन पंच, मोटो याजक अन मूसा का नेमा ने हिकाबावाळाऊँ वो भुला दिदो जाई अन हाँची में वो मारियो जाई अन पछे तीजे दन वो मरयाँ तका मूँ जीवतो वे जाई।”
ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो, “जो थाँकी हुणे हे, वी मारी हुणे हे अन ज्यो थाँने बेकार हमजे हे वीं मने भी बेकार हमजे हे। अन ज्यो मने बेकार हमजे हे वीं मने खन्दाबावाळा ने भी बेकार हमजे हे।”
ईसू चेलाऊँ क्यो, “मूँ, मनक का पूत का वाते यो घणो जरूरी हे के, मूँ दुक जेलूँ अन भूण्डा यहूदी नेता, मोटा याजक अन धरम गरू मने नकारन मार देई अन मूँ तीजे दन पाछो जी उटायो जाऊँ।”
ज्यो कुई माराऊँ अन मारी बाताँऊँ लाजा मरी तो जद्याँ मूँ, मनक को पूत आपणी अन बापू परमेसर की अन पुवितर हरग-दुताँ की मेमा में पाछो आऊँ तो मूँ भी वाँकाऊँ मुण्डो फेर लेऊँ।
काँके वणी एक दन ठेरायो हे, वीं आपणाँ थरप्या तकाऊँ वो धरती का हंगळा मनकाँ को हाँचऊँ न्याव केरी, अन वणी मरिया तका मूँ पाछो जीवतो वेन हंगळा मनकाँ में आ बात पाकी कर दिदी हे।
अन थाँ भेळा वेणो मती छोड़ज्यो। जस्यान के नरई मनकाँने तो भेळो ने वेबा की आदत पड़गी हे। पण आपाँने तो एक दूजाँ ने हमजाणा हे। जस्यान के, थाँ जाणो हो अन देको भी हो के, वो परबू को दन नके आरियो, जणीऊँ थाँने तो ओरुँ भी ईंने करणो छावे।
ध्यान राकज्यो, के थाँ वणी बोलबावाळा ने मती नकार ज्यो। काँके जणी धरती पे चेतावणी दिदी ही, वींने नकारन वीं बंच ने सक्या, तो यद्याँ आपाँ वींने नकार देवा, ज्यो आपाँने हरगऊँ चेतावणी देरियो हे, तो आपाँ कदी दण्डऊँ बंच ने सका।
परमेसर का बचन तो जीवता अन काम करबावाळा हे, वीं कस्यी तीकी तरवारऊँ भी तिका हे। अन परमेसर को बचन पराण, आत्मा, हन्ट अन गुदा ने अलग करन आर-पार वेवे हे अन मन की मनसा अन बच्यार ने जाँचे हे।
पण आज जा धरती अन आकास आपाँ देकाँ हा, वींके आग्या का वजेऊँ वादीऊँ नास वेबा वाते ठमी तकी हे। ईंने वीं टेम का वाते ठाम मेली हे, जद्याँ तईं पापी मनकाँ को न्याव ने जावे अन वाँको नास ने कर दिदो जावे।