“मूँ थाँने सई-सई केवूँ हूँ, ज्यो मारा बचनाँ ने हुणन मारा खन्दाबावाळा को विस्वास करे हे, वो अनंत जीवन पावे हे। अन वाँने दण्ड ने दिदो जाई, पण वीं मोतऊँ छेटी वेन जीवन में परवेस करग्या हे।
तद्याँ ईसू मन्दर में हिक देता तका जोरऊँ क्यो, “थाँ केवो हो के, थाँ हाँची में मने जाणो हो अन यो भी जाणो हो के, मूँ कटा को हूँ। मूँ खुद आपणाँ आड़ीऊँ ने आयो, पण मने खन्दाबावाळो हाँचो हे। वींने थाँ ने ओळको हो।
थाँ भी मसी का वजेऊँईस परमेसर पे विस्वास करो हो, जणा वाँने मरिया तका मेंऊँ पाछो जीवतो कर दिदो अन वींने मेमा भी दिदी। ईं वाते थाँको विस्वास अन थाँकी आस परमेसर में गाटी बणी तकी रेवे।