42 ईंपे नरई यहूदी अदिकारियाँ मेंऊँ भी नरई वींपे विस्वास किदो, पण फरीसियाँ की वजेऊँ वीं ईं बात खुला में ने मानता हा, कटे अस्यान ने वे के, वाँने परातना घरऊँ बारणे काड़्या जावे,
अणा बाताँ केड़े अरमतिया को रेबावाळे युसुप ज्यो ईसू ने मानबावाळो हो। पण यहूदी अदिकारियाँ की दरपऊँ आ बात छाने राकतो हो, वणी पिलातुसऊँ अरज किदी के, कई वो ईसू की लास लेजा सके हे। पिलातुस वींकी अरज हूणी अन वो आन ईसू की लास लेग्यो।
वो एक दन राते ईसू का नके आन क्यो, “हो गरुजी, माँ जाणा हाँ के, थाँ गरुजी हो अन थाँ परमेसर का आड़ीऊँ खन्दाया तका हो, काँके अस्या परच्या, जी थाँ बतावो हो, यद्याँ परमेसर वाँका हाते ने वेवे, तो वो ने बता सके हे।”
पछे भी वीं भीड़ मेंऊँ घणा लोग-बाग वींपे विस्वास किदो अन केबा लागा के, “जद्याँ मसी आई तो वो जतरा परच्या अणी बताया हे अणीऊँ हेला ने बताई, कई वो अस्यान करी?”
आपाँ कस्यान जाण सका हाँ के, आत्मा परमेसर का आड़ीऊँ हे के कोयने? ज्या भी आत्मा आ केवे हे के, “ईसू मसी मनक का रूप में ईं धरती पे आयो।” वाँ आत्मा परमेसर का आड़ीऊँ हे।