40 “परमेसर वाँकी आक्याँ ने आंदी अन वाँका मन कल्डा कर दिदा हे, ताँके वीं आक्याँऊँ ने देक सके अन मनऊँ ने हमजे सके, कदी अस्यान ने वे के, वी मारा आड़ी फरे अन मूँ वाँने हव करूँ।”
ईं वाते, “‘वीं देके अन देकताई रेई, पण वाँने कई हूजे कोयने। वीं हुणे अन हुणताई रेई, पण वीं कई हमजे कोयने। यद्याँ वीं अस्यान हमजता, तो परमेसर का नके आता अन वो वाँने माप करतो।’”
“परमेसर की आत्मा मारा ऊपरे हे। काँके वणा मने गरीब मनकाँ ने हव हमच्यार हूँणबा का वाते चुण्यो हे। वणीस मने खन्दायो हे के, मूँ केदयाँ ने छुड़ाबा को अन आन्दा ने देकबा का सन्देस को परच्यार करूँ अन दब्या तका मनकाँ ने ऊँसा उठऊँ।
ईसू वाँने क्यो, “थाँने परमेसर का राज का भेद ने हमजबा की हमज दिदी गी हे, पण दूजाँ ने ईं बात ने केणी में हुणई जावे हे के, “‘वीं देकता तका भी ने देके अन हूणता तका भी ने हुणे।’”
विस्वास्याँ की मण्डली का मनक वाँने खन्दाया। वीं फिनाके अन सामरिया देस में जाता तका, जो यहूदी ने हा वणा जस्यान विस्वास किदो, वो मण्डली में बताता ग्या, तो मण्डली का लोग ओ हुणन घणा राजी व्या।