30 अणी पे ईसू क्यो, “आ अवाज मारा वाते ने हे, पण थाँका नफा की हे।
अन मूँ थाँका वाते खुस हूँ के, मूँ वटे ने हो, काँके अबे थाँ मारा पे विस्वास कर सको। आवो अबे आपीं वींका नके चाला।”
मूँ जाणूँ हूँ के, थाँ हरदाण मारी हुणो हो, पण ज्या भीड़ च्यारूँमेर ऊबी हे, वाँका वाते में यो क्यो, जणीऊँ ईं मनक विस्वास करे के, थाँ मने खन्दायो हे।”
अबे ईं दनियाँ को न्याव वेबा में हे, अबे अणी दनियाँ का हाकम ज्यो सेतान हे, वींने निकाळ दिदो जाई।
में या बात ईं वाते ने क्यो के, मनक बारा में गवई देवे, पण ईं वाते क्यो, ताँके थाँ बंचाया जावो।
काँके थाँ आपणाँ परबू ईसू मसी की दया ने तो जाणोइस हो अन थाँ ओ भी जाणो हो के, वीं अमीर वेता तका भी थाँका वाते गरीब बणग्या। जणीऊँ वाँकी गरीबीऊँ थाँ अमीर वे जावो।