28 हो बापू, थाँका नाम की मेमा बतावो।” तद्याँ हरग या अवाज अई, “में मारी मेमा बतई हे अन ओरू भी बताऊँ।”
वीं दाण ईसू क्यो, “हो परम बापू, हरग अन धरती का परबू, मूँ थाँको धन्नेवाद करूँ हूँ के, थाँ अणा बाताँ ने ग्यानी अन स्याणाऊँ हपान राकी अन भोळा मनकाँ पे परगट किदी हे।
अन हाँ परम बापू, यो ईं वाते व्यो, काँके थाँने योईस हव लागो।
वो बोलईस रियो हो के, एक चमकते तके वादळे वाँने ढाक दिदा, अन वीं वादळाऊँ आ वाणी निकळी, “ओ मारो लाड़लो पूत हे, जणीऊँ मूँ राजी हूँ। ईंकी हुणो।”
पछे वाँकाणी दूजी दाण जान आ परातना किदी, “हो मारा बाप, यद्याँ ओ दुक को प्यालो मारे पिया बगर ने छेटी वे, तो थाँका मरजी पुरी वेवे।”
तद्याँ आ आकासवाणी वी के, “यो मारो लाड़लो पूत हे, जणीऊँ मूँ घणो राजी हूँ।”
पछे हरगऊँ अवाज अई के, “थूँ मारो लाड़लो बेटो हे अन मूँ थाँराऊँ घणो राजी हूँ।”
पछे वो बोल्यो, “बापू, ओ मारा बापू! थाँरा वाते हारोई काम होरो हे। ईं दुक का प्याला ने माराऊँ छेटी कर दे। पण ज्यो मूँ छाऊँ वो ने, पण ज्यो थूँ छावे वोईस कर।”
तद्याँ एक बादळो आयो अन वाँपे छाग्यो, बादळाऊँ अस्यान सबद निकळ्यो के, “यो मारो लाड़लो पूत हे, ईंकी हुणो।”
अन पुवितर आत्मा परेवड़ा का जस्यान रूप में आन वाँका ऊपरे उतरी। अन आकासवाणी वींके, “थूँ मारो लाड़लो पूत हे, मूँ थाँराऊँ घणो राजी हूँ।”
अन वणी वादळा मेंऊँ आ वाणी वी के, “यो मारो बेटो हे अन मारो चुण्यो तको हे, ईंकी हुणो।”
ओ हुणन ईसू क्यो, “या मांदकी लाजर के मरबा की ने, पण परमेसर की मेमा का वाते हे, काँके वणीऊँ परमेसर का बेटा की मेमा वेई।”
पण ईसू पतरस ने क्यो, “आपणी तरवार म्यान में राक। ज्यो दुक को प्यालो मारा बापू मने दिदो हे, कई मूँ वींमूँ ने पीवूँ?”
ईसू वाँकाऊँ क्यो, “ने अणी पाप किदो हो, नेई ईंका बई-बापू, पण ओ ईं वाते व्यो के, परमेसर को काम ईंपे परगट वे सके अन मनक वींने देके।
अणा अस्यान किदो ताँके वो आबावाळा जुग में दया का हाते ईसू मसीऊँ ओ दिकाई के खुद की करपा ज्यो आपाँने दिकई ही वा कतरीक हेली हे।
ताँके अबे मण्डळीऊँ परमेसर को तरे-तरे को ग्यान वाँ हरग का मोटा राजा अन अदिकारियाँ पे परगट किदो जावे।
मण्डली में अन ईसू मसीऊँ परमेसर की मेमा जुग-जुग तईं वेती रेवे। आमीन।
काँके जद्याँ वींने परम बापू परमेसर का आड़ीऊँ आसीस अन मेमा मली ही, वीं टेम में परमेसर का आड़ीऊँ ओ हमच्यार आयो के, “ओ मारो लाड़लो पूत हे, मूँ अणीऊँ घणो राजी हूँ।”