तद्याँ ईसू चेला का नके आन वाँकाऊँ क्यो, “कई थाँ आलतरे भी हुता हो? अन रईम्बो लेरिया हो? देको, टेम आग्यो हे, मनक को पूत पाप्याँ का हाताँ में पकड़वायो जावे हे।
पिलातुस वींने क्यो, “तो कई थूँ राजा हे?” ईसू वींने क्यो, “थूँ केवे हे के, मूँ राजा हूँ। में ईं वाते जनम लिदो अन ईं वाते दनियाँ में आयो हूँ के, हाँच की गवई दूँ अन ज्यो कुई हाँचो हे, वो मारो बचन हुणे हे।”
ईसू अणी धरती का जीवन में ज्यो वींने बंचा सकतो हो, वणीऊँ जोरऊँ हाको करतो तको अन रोते तके अरज अन परातना किदी ही अन नमरता अन भगती का मस वींकी हुण लिदी गी ही।