13 ईं वाते वीं खजुर की डाळ्याँ लिदी अन वाँकाऊँ मलबा ने निकल्या, अन केबा लागा, “परमेसर की मेमा वेवे, परबू का नामऊँ आबावाळा ने परमेसर आसीस देवे। इजराएल का राजा ने परमेसर आसीस देवे।”
वीं मनक परमेसर का दास मूसा अन उन्याँ का गीत गारिया हा, “वीं घणा मोटा काम हे ज्याँने थाँ करता रेवो हो। थाँका काम अचम्बा का हे अन थाँकी तागत जुग-जुग तईं हे। परबू परमेसर, थाँको गेलो हाँचो अन धरम का कामाँऊँ भरियो हे, थाँ हारी जात्या का राजा हो।
ईंका केड़े में कई देक्यो के, मनकाँ का मोटी भीड़ हे जिंने कुई भी गण ने सके, वीं भीड़ में हारी जात्या का, हाराई कुल का, हारी बोली बोलबावाळा अन हाराई देसा का मनक हा, वीं वणी गादी अन उन्याँ का हामे ऊबा हा, वणा धोळा गाबा पेर मल्या हा अन हाताँ में खजुर की डाळ्याँ ले राकी ही।