धिकार हे नेमा ने हिकाबावाळा ने। थाँ ग्यान का कमाड़ की चाब्याँ तो ले लिदी ही, पण ने तो थाँ वींमें खुद ग्या हो अन ज्यो वींमें जाणा छारिया हा, वाँने भी थाँ रोक दिदा हे।”
ज्यो बीज गेला का कनारा पे पड़्या, ईं वीं मनक हे के, जद्याँ वणा बचन हुण्या, तद्याँ सेतान आन वणा का मन मेंऊँ वणा बचनाँ ने निकाळ लेवे हे, ताँके वी विस्वास ने कर सके अन बंचाया ने जावे।