38 ईसू आत्मा में घणो दकी वेन कबर के पे आया। वटे एक गुफा ही अन एक मोटो भाटो वींका मुण्डा ने ढाक मेल्यो हो।
अन वाँने आपणी नुई कबर में मेली, ज्यो वणी मोटी छाट में बणई ही, अन कबर का बाणा पे मोटो भाटो आड़ो देन परोग्यो।
तद्याँ वीं रुकाळ्या ने हाते लेन पराग्या। अन भाटा पे मोर लगान कबर की रुकाळी किदी।
पछे यूसप हण का बणया तका गाबा मोल लिदा अन ईसू की लास ने हूळीऊँ रेटे उतारी, वींकी लास ने वी गाबा में पलेट लिदी अन वींने एक कबर में मेल दिदी। वाँ कबर मंगरा ने काटन बणई तकी ही अन पछे कबर का मुण्डा पे एक भाटो हरका दिदो।
तो ईसू लाम्बो हाँ लेन वाँने क्यो, “ईं पीड़ी का मनक कस्योई निसाण काँ देकबो छावे? मूँ थाँने हाचेई केवूँ हूँ ईं जुग का मनकाँ ने कस्योई निसाण ने दिदो जाई।”
वाँने कबर का मुण्डा पूँ मोटो भाटो छेटी हरकायो तको मल्यो।
जद्याँ ईसू वींने अन यहूदी लोग-बागाँ ने ज्यो वींका लारे आया हाँ, वाँने रोता देकन, वो हरदा में घणो दकी व्यो अन आत्मा में घणो उदास वेग्यो,
हपता का पेले दन दितवार ने मरियम मगदलीनी भाग-फाट्याँईं कबर पे अई अन कबर का मुण्डाऊँ भाटा ने छेटी हरक्यो तको देक्यो।