मूँ थाँकाऊँ हाँची केवूँ हूँ के, आकास अन धरती टळ सके हे, पण मूसा का नेमा में लिक्या तका हरेक अकर अन सबद तद्याँ तईं बण्या तका रेई जद्याँ वीं पूरा ने वे जावे।”
तो जद्याँ में क्यो के, मूँ परमेसर को बेटो हूँ। तो थाँ क्यो, ‘मूँ परमेसर की नन्दयाँ करूँ हूँ।’ पण मूँ तो वोईस हूँ, जिंने परमेसर चुणन ईं दनियाँ में खन्दायो हे।
“ओ मारा भई अन बेना, ईसू ने बंदी बणाबावाळा ने गेलो बताबावाळो यहूदो, जिंका बारा में सास्तर में लिक्यो हे, जो दाऊद का मुण्डाऊँ पुवितर आत्मा नरई दनाँ पेल्याँई के दिदो हो, वाँ बात पुरी वेणी जरूरी ही।