34 ईसू वाँने जवाब दिदो, “कई थाँका सास्तरा में ने लिक्यो हे के परमेसर क्यो, ‘थाँ हाराई परमेसर का जस्यान हो’?
परमेसर वणा मनकाँ ने परमेसर का जस्या क्यो हे ज्याँने परमेसर को बचन दिदो ग्यो। अन आपाँ जाणा हाँ के, पवितर सास्तर की बाताँ कदी जूट ने वे सके हे।
ईंपे लोग-बाग क्यो, “माँ सास्तर की या बात हूणी हे के, मसी हमेस्या का वाते जीवतो रेई, पछे थूँ का केवे हे के, मनक का पूत ने ऊसो उटायो जाणो जरूरी हे? यो मनक को पूत कूण हे?”
यो ईं वाते व्यो के, वो बचन पूरो वे, ज्यो वाँके सास्तर में लिक्यो तको हे के, ‘वाँकाणी माराऊँ फालतू में दसमणी किदी।’
अन जस्यान थाँका नेमा में भी लिक्यो हे के, ‘यद्याँ दो जणा एक जस्यी गवई देवे, तो वाँ हाँची हे।’
काँके सास्तर में लिक्यो तको हे के, परबू केवे हे, “मूँ अलग अलग बोली बोलबावाळाऊँ अन पराया मुण्डाऊँ अणा मनकाँऊँ बात करूँ तद्याँ भी वणा मारी ने हूणी।”