मूँ अबे दनियाँ में ने रेऊँ, पण ईं हाराई दनियाँ में रेई, अन मूँ थाँका नके आवूँ हूँ। हो पवितर बापू आपणाँ वीं नाम की तागतऊँ ज्यो थाँ मने दिदो हे, वाँकी रुकाळी करो, ताँके वीं हाराई आपणे जस्यान एक वे सके।
“में थाँका मेमावान नाम ने वणा मनकाँ ने परगट किदा हे, ज्याँने थाँ दनियाऊँ मने दिदा। वीं हाराई थाँका हा अन थाँ वणा हाराई ने मने दिदा अन वाँकाणी थाँका बचना ने मान लिदा हे।