अणी पे कुई फरीसी केबा लागा, “जणी मनक यो किदो हे वो मनक परमेसर का आड़ीऊँ ने हे, काँके वो आराम का दन का नेमाने ने माने हे।” दूजाँ क्यो, “पापी मनक कस्यान अस्या परच्या बता सके हे?” अणी बात पे वाँका में आपस में फुट पड़गी।
हाराऊँ पेल्याँ तो में ओ हुण्यो हो के, जद्याँ थाँ विस्वासी मनक मण्डली में भेळा वेवो, तो थाँकामें फुट पड़ जावे हे अन मूँ थोड़ो घणो ईंने हाँच भी मानूँ हूँ।
काँके थाँ अबाणू तईं दनियाँ का मनकाँ का जस्यान हो, ईं वाते थाँकामें रिस्याँ बलणो अन कळेस मोजुद हे, तो कई थाँ दनियाँ का सांसारिक मनक ने हो अन थाँ सांसारिक मनकाँ के जस्यान वेवार करो हो?