पण जद्याँ भी थूँ परातना करे आपणाँ ओवरा में जा अन कमाड़ बन्द करन आपणाँ बापू परमेसरऊँ ज्यो छाने में हे परातना कर अन थाँको बाप छाने में देके हे, वो थाँने वींको फळ देई।
ईं वाते जद्याँ तईं परबू ने आवे वणीऊँ पेल्याँ किंको भी न्याव मती करो। वीं तो अदंकार में हपी तकी बाताँ ने भी उजिता में दिकाई अन मना की बाताँ भी हामे लाई अन वणी दाण परमेसर का आड़ीऊँ हरेक की बड़ई वेई।