ईसू वींने क्यो, “जीवन मारा में हे अन मरिया केड़े पाछो जीवतो वेणो मारा में हे। ज्यो कुई मारा पे विस्वास करी, वीं यद्याँ मर भी जाई तद्याँ भी पाच्छा जी उटी।
के मसी ने दुक जेळणो पड़ी अन वोईस हंगळाऊँ पेल्याँ मरयाँ तका मूँ जीवतो वेन, आपणाँ लोगाँ में अन जो यहूदी ने हा वाँका में बंचाबा के हव हमच्यार को परच्यार किदो।”
आपाँ वणी जीवन का बचन की बात करा हाँ, ज्यो किंकी भी रचना वेबाऊँ पेल्याई हो, आपाँ ईंने हुण्यो, आपणी आक्याँऊँ देक्यो, ईंपे ध्यान लगायो, अन आपाँ खुद वींके हात अड़ायो।
वीं जीवन को ग्यान आपाँने करायो ग्यो। आपाँ वींने देक्यो। आपीं वींका गवा हा अन अबे थाँने भी वींके बारा में बतावा हाँ, ज्यो बापू परमेसर का हाते हे अन आपाँ पे परगट व्यो हो।
ईंका केड़े वीं हरग-दुत मने जीवन देबावाळा पाणी की एक नंदी बतई। वाँ नंदी बिल्लोर का काँस जस्यान चमकती तकी पुवितर ही। वा नंदी परमेसर अन उन्याँ का वटेऊँ निकळन नगर की हड़क का वसा-वस वेती ही।