जीवन की रोटी जा हरगऊँ उतरी हे वाँ मूँईस हूँ। यद्याँ कुई अणी रोटी ने खाई, तो वीं हमेस्यान जीवता रेई अन ज्या रोटी मूँ दनियाँ का जीवन का वाते देवूँ, वाँ मारी देह हे। अणीऊँस दनियाँ का मनक जीवता रेवे हे।”
वो किताब को जो भाग भणरियो हो वो अस्यान हो। “वींने बली वेबावाळा गारा का जस्यान ले जारिया हा। वो तो वीं उन्याँ का जस्यान छानो-मानो हो, जो आपणी ऊन काटबावाळा का हामे छानो रेवे।
वो बेटो परमेसर की मेमा को उजितो हे अन जस्यान परमेसर का लकण हे, वस्यानीस वींका भी लकण हे। वो हारी चिजाँ ने आपणाँ जबरा बचनाऊँ हमाळी राके हे। मनकाँ का पापाँ ने माप करन वो हरग में जान मेमामय परमेसर का जीमणे पाल्डे बेटग्यो हे।
ईं वाते वींने हरेक बात में मनकाँ का जस्यानीस बणायो ग्यो हो, जणीऊँ वो परमेसर की सेवा करबा का वाते दया करबावाळो अन विस्वास जोगो मायाजक बणे। ताँके मनकाँ का पापाँ का मापी वाते बली हो सके।
वस्यान मसी भी एक दाणइस नरई का पापाँ ने छेटी करबा का वाते बलीदान व्यो हे। वो अबे पापाँ ने छेटी करबा का वाते ने, पण ज्यो वींकी वाट नाळरिया हे वाँका छूटकारा का वाते दूजी दाण परगट वेई।
काँके मसी भी आपणाँ पापाँ का वाते दुक जेल्यो हो। ईंको मतलब ओ हे के, वो निरदोस हो तो भी वो आपणाँ पाप का वाते एक दाण मरग्यो, जणीऊँ वो आपाँने परमेसर का नके ले जावे। वो देह का रूप में तो मरग्यो, पण आत्मिक रूप में जिवायो ग्यो हे।
हाँचो परेम ओ ने हे के, आपाँ परमेसरऊँ परेम किदो, पण वो ओ हे के, परमेसर आपाऊँ परेम किदो अन आपणाँ पाप धोवा का वाते आपणाँ बेटा ने बलीदान वेवा का वाते खन्दा दिदो।
जणा मनकाँ को नाम वीं उन्याँ की जीवन की किताब में ने लिक्यो तको हो, वीं हाराई वी डरावणा जनावर के धोक लागी। अन यो उन्यो ज्यो ईं दनियाँ की सरुआतऊँ बली वेबा का वाते ते किदो ग्यो हो।
तद्याँ में देक्यो के, मारी हामे सिय्योन मंगरी पे उन्यो ऊबो हे। वींके हाते एक लाक चमालिस हजार मनक हा, ज्याँका माता पे वींको अन वींका बापू को नाम लिक्यो तको हो।
तद्याँ वो परमेसर का गुस्सा का दाकरस ज्या वाँका गुस्साऊँ प्याला में गाळ्यो ग्यो हे, वींने पीई अन पुवितर हरग-दुताँ हामे अन उन्याँ का हामे वादी अन तेजाब का दुक में पड़ी।
ईं मनक कूँवारा हा अन ने ईं कणी लुगई का हाते कदी हूँता। अन जटे वीं उन्यो जातो ईं वींके हाते वे जाता। ईं परमेसर का वीं पेला फळ हे, ज्याँने मोल देन छुड़ाया ग्या हा।
वीं मनक परमेसर का दास मूसा अन उन्याँ का गीत गारिया हा, “वीं घणा मोटा काम हे ज्याँने थाँ करता रेवो हो। थाँका काम अचम्बा का हे अन थाँकी तागत जुग-जुग तईं हे। परबू परमेसर, थाँको गेलो हाँचो अन धरम का कामाँऊँ भरियो हे, थाँ हारी जात्या का राजा हो।
वीं उन्याँऊँ लड़ी, पण वो उन्यो आपणाँ बलाया तका, चुण्या तका अन आपणाँ गेले चालबावाळा मनकाँ ने हाते लेन वींने हरा देई, काँके वो उन्यो राजावो को भी राजा अन परबू को भी परबू हे।”
वींमें ने कुई हुगली चीज अन ने हूँगला काम करबावाळो, ने जूट बोलबावाळो कणी भी तरियाऊँ वटे ने आई। खाली वीं मनक आई ज्याको नाम उन्याँ की जीवन की किताब में लिक्या तका हे।
पछे वणा हाताँ दुताँ का नके आकरी हात विपत्याऊँ भरिया तका हात प्याला हा, वणा मेंऊँ एक मारा नके आयो अन माराऊँ बात करन क्यो, “अटे आ, मूँ थने वणी लाड़ी ने बताऊँ, ज्याँ उन्याँ की लुगई हे।”
अन जद्याँ वणी किताब ले लिदी, तो वणा च्यारई जीवता जीव अन वीं चोवीस पुरवज वींके धोक लाग्या। वणा हाराई का नके विणा ही अन वीं वाना आबावाळी चिजाँऊँ भरिया तका होना का प्याला लेन राक मेल्या हा। यो धरमिया की परातना दिकावे हे।
में देक्यो के, वणी उन्ये वणा हात मोराँ मेंऊँ एक मोर खोली। तो वाँ च्यार जीवता जीव मेंऊँ एक ने में वादळा की गाजबा की अवाज का जस्यान ओ केतो तको हुण्यो, “आ।”
में वणीऊँ क्यो, “हे मालिक, थाँ तो जाणोई हो।” तो वणा माराऊँ क्यो, “ईं वीं मनक हे जी कळेस जेलन आया हे अन अणा आपणाँ गाबा ने उन्याँ का लुईऊँ धोन धोळा किदा हे।
काँके ज्यो उन्यो गादी का बचमें में हे वो वाँकी रुकाळी करी। अन वो वाँने जीवन देबावाळा पाणी की सोता का नके लेन जाई अन परमेसर वाँकी आक्याँ का हाराई आसूँ पुछ देई।”