जस्यान यसाया परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा लिक्यो हो, वींके जस्यान यहुन्ने वाँकाऊँ क्यो, “मूँ काँकड़ में एक हाका करबावाळा की वाणी हूँ के, ‘थाँ परबू का वाते गेलो हुदो करो।’”
वीं मने नरई पेल्याऊँ जाणे हे, यद्याँ वीं गवई देणा छावे, तो वे आ गवई दे सके के, मूँ सरुआतऊँ एक फरीसी वेन आपणाँ धरम का हंगळाऊँ खरा पन्त के जस्यान जीवन जियो हो।