हो भायाँ, यद्याँ कुई मनक कस्याई पाप में पकड़यो जावे, तो ज्यो थाँ आत्मिक हो थाँने अस्यान करणो छावे के, थाँ दया-भावऊँ वींने पाछो धरम का गेला पे लाबा का वाते वींकी मदत करो, ताँके वो पाछो धरम का गेला में आ जावे। थाँ आपणाँ खुद को भी ध्यान राकज्यो के, थाँ परक में ने पड़ो।
ईं वाते हो भायाँ, थाँ पेल्याँऊँ अणा बाताँ ने जाणो हो, ईं वाते थाँ ध्यानऊँ रेज्यो, ताँके थाँ पापी मनकाँ की बाताँ में आन वाँकी बुरी चाला में ने फसन आपणाँ गाटापणा ने खोवो।
अणा मनक का वाते यो हराप वेई अन ईं केन के जस्यान वींके गेले चाले हे अन ईं बिलाम के जस्यान धन कमावा का वाते वींके जस्यान गलती करे हे। ईं वाते जस्यान कोरह का हाते जीं मनक विरोद कररिया हा, वाँको नास वेग्यो हे वस्यानीस अणाको भी नास वेई।