18 अन वणी पाच्छी परातना किदी अन बरका वरी अन धरती पे हाक उगबा लागी।
पण तद्याँ भी वो भलई करतो तको खुद की गवई देतो रियो, आकासऊँ बरका वरई, हारी रिता में हव हाक देतो रियो अन थाँको मन आणन्दऊँ भरतो रियो।”