16 ईं वाते थाँ एक दूजाँ का हामे खुद का पाप ने मानलो अन एक दूजाँ का वाते परातना करता रेवो, जणीऊँ थाँ हव वे जावो। धरमी मनक की परातना घणी जोरवार अन असर करबाळी वेवे हे।
ईसू नासरी का बारा में थाँ तो जाणो हो, परमेसर पुवितर आत्मा अन सगतिऊँ वींको तलक कस्यान किदो हो। वणी हव काम किदा अन सेतानऊँ दकी हारई जणा ने हव करतो तको च्यारूँमेर कस्यान गुमतो हो, काँके परमेसर वाँकी लारे हो।
ईं वाते जणी दनऊँ माँ थाँका बारा में ओ हुण्यो, वीं दनऊँ थाँका वाते परातना करणी ने छोड़ी। माँकी परमेसरऊँ याईस परातना हे के, हाराई आत्मिक ग्यान अन हमज का हाते परमेसर आपणी मनसा का ग्यानऊँ थाँने भर दे।
विस्वास करबा की वजेऊँ हाबिल केनऊँ हव भेंट परमेसर के चड़ई ही। विस्वास करबा की वजेऊँ परमेसर वींकी भेंट ने मान लिदी अन वणीऊँ वींने एक धरमी मनक का रूप में मान मल्यो। वींके मरबा का केड़े आज आपाँ वणीऊँ हिका हा।
विस्वास करबा की वजेऊँ नूह भी वणा बाताँ ने ज्यो वींने दिकई कोयने दिदी ही। ईं बारा में चेतावणी पान परमेसर की दरपणी का हाते आपणाँ परवार ने बंचाबा का वाते जाँज बणायो हो, अस्यान करन वणी दनियाँ ने दोसी ठेराई अन वो धारमिकता को वारिस बणग्यो, ज्यो विस्वास करबाऊँ आवे हे।