11 देको, आपाँ धीरज राकबावाळा ने धन्न हमजा हा। थाँ अयुब का धीरज का बारा में तो हुण्योईस हे अन परबू वींने वींको ज्यो फळ दिदो हो, यो थाँ तो जाणोइस हो, काँके परबू तरस अन दया करबावाळा हे।
पण परमेसर का घराणा में मसी तो एक बेटा का रूप में विस्वास करबा के जोगो हे, अन यद्याँ आपाँ हिम्मत राका अन वीं आस पे विस्वास बण्यो तको राका हा, तो आपींइस वींको घराणो हा।