“ओ यरूसलेम, ओ यरूसलेम, थूँ ज्यो परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा ने मार नाके हे अन ज्यो थाँरा नके आवे हे वाँका ने भाटा मारे हे। कतरी दाण में यो छायो हो के, जस्यान कूकड़ी आपणाँ बच्या ने आपणाँ फाकड़ा का रेटे भेळा करन राके हे, मूँ भी वस्यानीस थाँरा मनकाँ ने भेळा करूँ, पण थें यो ने छायो हो।
वणी दन थाँ राजी वेन आणन्द मनाज्यो, काँके थाँका वाते परमेसर का राज में मोटो फळ हे। आद राकज्यो के, वाँका बड़ाबा भी परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा का हाते भी वस्योईस करिया करता हा।
मसी ने वीं दाण तईं हरग में रेणो पेड़ी, जतरे वीं हारी बाताँ परमेसर पेल्याँ के जस्यान कोयने कर दे, जिंका बारा में नरई पेल्याँ परमेसर आपणाँ आड़ीऊँ बोलबावाळा पुवितर मनकाँ का मुण्डाऊँ बतायो हो।
अस्यो एक भी परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो हो कई, जिंने थाँका बड़ाबा ने हतायो? वाँकाणी तो वाँने भी मार नाक्या, ज्याँकाणी नरई दनाँ पेल्याँईं वीं धरमी के आबा की घोसणा कर दिदी ही, जिंने अबे थाँकाणी छळ करन पकड़वा दिदो अन मार दिदो।
हो भायाँ, थाँ एक दूजाँ ने बदनाम मत करो। अन ज्यो कुई आपणाँ भई ने बदनाम करे हे अन दोस लगावे हे। अस्यान करन वो नेमा का विरोद में बोले हे अन नेमा ने दोसी ठेरावे हे। अस्यान करबाऊँ थाँ नेमाने मानबावाळा ने, पण वींका न्याव करबावाळा बण जावो हो।
ईं वाते हो भायाँ, जद्याँ तईं परबू पाच्छा ने आवे थाँ धीरज राको। जस्यान एक करसाण आपणे वाते मायनो राकबावाळी खेत की हाक पाकबा की आस करतो तको चोमासा की पेली बरकाऊँ लेन हियाळा का मावटा तईं धीरज राके।