4 हो कुकरमी लोगाँ, कई थाँ ओ ने जाणो हो के, ईं दनियाऊँ भईच्यारो राकणो परमेसरऊँ दसमणी राकणी वेवे हे? ईं वाते जो दनियाऊँ भईच्यारो राके हे, वो खुद ने परमेसर को दसमण बणावे हे।
पण ईसू वाँने क्यो, “ईं दनियाँ का हूँगला अन कुकरमी लोग हरग को हेन्याण मागे हे, पण परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा योना का हेन्याण ने छोड़न कुई दूज्यो हेन्याण वाँने ने दिदो जई।
“कुई भी मनक एक लारे दो मालिकाँ की सेवा ने कर सके हे, काँके वो एकऊँ दसमणी अन दूजाऊँ लाड़ राकी कन एकऊँ मल्यो रेई अन दूजाँ ने बेकार जाणी। थाँ परमेसर अन धन-दोलत दुयाँ की सेवा एक हाते ने कर सको हो।
यद्याँ थाँ दनियाँ का वेता, तो दनियाँ थाँकाऊँ परेम राकती। पण ईं वाते के, थाँ दनियाँ का ने हो पण में थाँने दनियाँ मेंऊँ चुण लिदा हे ईं वाते दनियाँ थाँकाऊँ दसमणी राके हे।
काँके जद्याँ आपाँ परमेसर का दसमण हा। तो परमेसर आपणाँ बेटा की मोतऊँ आपणो मेल-मिलाप खुदऊँ किदो। अन जद्याँ अबे आपणाँ मेल-मिलाप वेग्यो हे तो वाँका जीवनऊँ आपाँ काँ ने बंचाया जावा?
परमेसर अस्यान होच-हमजन ते कर राक्यो हो के, अणी दनियाँ का मनक आपणाँ ग्यानऊँ परमेसर ने ने जाण पाई, तो परमेसर ने ओ बड़िया लागो के, ईं तरिया परच्यार का जरिये ज्यो आपाँ कराँ हा, ज्यो परच्यार दनियाँ का मनकाँ की नजराँ में मुरकता हे, ईंपे विस्वास करबावाळा मनकाँ ने बचावे।
कई अणीऊँ थाँने अस्यान लागे हे के, मूँ मनकाँ ने मानूँ हूँ कन यो के मूँ परमेसर ने मानूँ हूँ? कई मूँ मनकाँ खुस करणो छावूँ हूँ? यद्याँ मूँ अबाणू तई मनकाँ ने खुस करबा को काम करतो रेतो, तो मूँ मसी को दास ने वाजतो।