वीं परमेसर का नेम जाणे हे के, ज्यो मनक अस्यान को जीवन जीवे हे वीं मोत का दण्ड के जोगा हे, पण पछे भी वीं खुद अस्या काम करे हे अन दूजाँ ज्यो अस्या काम करे हे वाँने भी सई बतावे हे।
तो पछे ईंको कई मतलब व्यो के, ज्यो सई हे वोईस मारी मोत की मस व्यो? हाँची में ने। पण पाप वीं हव आदेस का जरिये मारी मोत को कारण ईं वाते बण्यो के, पाप ने ओळक्यो जा सके। ताँके नेमा का आदेस का जरिये वो पाप ओरी हेलो पाप बड़ग्यो।