15 पण थाँने तो अस्यान केणो छावे के, “यद्याँ परबू की मरजी वेई, तो आपाँ जीवता रेवा अन ओ कन वो काम कराँ।”
पण पोलुस ओ केन वाँका नकेऊँ ग्यो, “यद्याँ परमेसर की मरजी वेई तो थाँका नके पाछो आऊँ”। तद्याँ वो इपीसुसऊँ जाँज में बेटन चाल पड़्यो।
मूँ हमेस्यान मारी परातना में अरज करूँ हूँ के, परमेसर की मरजीऊँ अबे मारो थाँका नके आणो पूरो वेवे।
अन मूँ परमेसर की मरजी जस्यान राजी मनऊँ थाँका नके आन थाँका हाते आणन्द मना सकूँ।
काँके मूँ थाँका नके आताई जाणो ने छारियो हूँ। पण मने आस हे अन यद्याँ परबू छाई तो मूँ थोड़ाक दन थाँका नके रेऊँ।
पण परबू छाई तो मूँ थाँका नके फटाकऊँ आऊँ, अन पछे वणा मेपणो करिया हा वणा मनकाँ की बाताँ नेईस ने पण वाँकी तागत ने भी जाण लेऊँ।
यद्याँ परमेसर छाई, तो आपीं योईस कराँ।
पण थाँ तो जुट-मुट को मेपणो करो हो। अस्यान को मेपणो बुरो हे।