9 आपाँ जीबऊँईस परबू अन बापू की जे-जेकार करा हा अन अणीऊँस परमेसर का रूप में बणाया तका मनकाँ ने हराप देवा हा।
तद्याँ वो मातो कुटबा लागो अन होगन खाबा लागो के, “मूँ वीं मनक ने ने ओळकूँ हूँ।” अन तरत कूकड़ो बोल्यो।
पण मूँ थाँकाऊँ यो केवूँ हूँ के, आपणाँ दसमणाऊँ परेम राकज्यो अन आपणाँ हताबावाळा का वाते भी परातना करज्यो।
ईंऊँ मारो मन राजी हे, अन मारा मुण्डाऊँ राजी-खुसी की बाताँ निकळी, मारी काया भी आस में जीई,
वणा को मुण्डो हराप अन कड़वापणाऊँ भरिया तको हे।
पण मनक का वाते आपणो मातो ढाकणो हव ने हे काँके वो परमेसर को रूप अन परमेसर की मेमा हे। पण एक लुगई आपणाँ धणी की मेमा ने बतावे हे।
आपणाँ परबू ईसू मसी का बापू, परमेसर की मेमा वेवे, काँके वणा आपाँने हरग में मसीऊँ हंगळी तरियाँ की आत्मिक आसिसाँ दिदी हे।
पण परमेसर का हामे खरी अन पुवितर भगती तो आ हे के, अनात अन विदवा के वाँके दुक सक में देक-रेक करे अन खुद पे दनियादारी को कळंक ने लागबा देवे।
आपाँ एकीस मुण्डाऊँ परमेसर को धन्नेवाद भी करा हा अन एकीस मुण्डाऊँ मनकाँ ने हराप भी देवा हा। मारा भायाँ-बेना अस्यान तो ने वेणो छावे।
आपणाँ परबू ईसू मसी का बापू परमेसर की जे हो, काँके परमेसर आपणाँ पे घणी मोटी दया बतई जणीऊँ वणा मसी ने मरिया तका मेंऊँ जीवान आपाँने नुवा जीवन की जीवती आस राकबा वाते वणा आपाँने नुवो जीवन दिदो हे।