पाणी में चालबावाळा जाँज ने देको, वो पलई कतराई मोटा काँ ने वेवे अन जोर का बईरा का हाते परो जावे हे, पण एक फोरीक पतवारऊँ वींने चलायो जावे अन चलाबावाळा वींने काबू में करन जटे ले जाणो छावे, वटे ले जावे हे।
ईं मनक बेकार में मेपणा की बाताँ करन कुकरम की कामाँ के वजेऊँ वणा मनकाँ ने जीं अबे भटक्या तका मनक मेंऊँ निकाळणो छारियो हे वाँने देह की मनसा में फसा लेवे हे।