12 अन थाँ भई बतावो, अंजीर का रूँकड़ा के जेतुन अन अंगूर का वेलड़ा के अंजीर लागे हे कई? कदीई ने लागे। अन नेई खारो पाणी निकळबावाळा कूण्ड़ाऊँ मिटो पाणी निकळ सके हे।
हड़क का आड़ी वणी एक अंजीर को रूँकड़ो देकन वो वींका भड़े ग्यो, तो वींने पान्दड़ा ने छोड़ वींमें ओरू कई ने मल्यो। तो ईसू रूँकड़ा ने क्यो, “अबे थाँरे में कदी कई फळ ने लागी।” अन वो रूँकड़ो तरत हुकग्यो।