9 पण यद्याँ थाँ भेद-भाव करो हो, तो थाँ पाप करो हो। अणीऊँ नेम थाँने मूसा का नेमा ने तोड़बावाळा गुनेगार ठेरावे हे।
जद्याँ वो आई तो वो साबत करी के, पाप, धारमिकता अन परमेसर का न्याव का बारा में दनियाँ का लोगाँ की होच गलत हे।
थाकामूँ कुई भी मारा पे पाप को दोस ने लगा सके हे? यद्याँ मूँ हाँच बोलूँ हूँ, तो थाँ मारा पे विस्वास काँ ने करो हो?
तद्याँ या बात हुणन हाराई मनक एक-एक करन पराग्या अन हाराऊँ पेल्याँ भूण्डा मनक ग्या अन आकरी में वटे लुगई अन ईसूइस बच्या।
पछे पतरस बोलबा लागो के, “अबे हाँचई में मूँ हमजग्यो हूँ के, परमेसर कई दूज-भराँत ने करे।
काँके नेमा का कामाँऊँ कुई भी मनक परमेसर का हामे धरमी ने बण सके हे। काँके नेमाऊँ तो पाप की ओळकाण वेवे हे।
पण यद्याँ हाराई परमेसर का आड़ीऊँ बोलबा लाग जावे अन जद्याँ कुई मण्डली में अविस्वासी मनक आ जावे तो थाँका हारी बाताँ वींने वींका पाप का बारा में बता देई अन थाँके केबा का जस्यान वींको न्याव वेई।
काँके मूँ तो नेमा का जस्यान नेमाँ में मरयो ताँके मूँ परमेसर की आत्मा में पाछो जीवू, मूँ मसी का हाते हूळी पे चड़ायो ग्यो हूँ।
ज्यो भी मनक पाप करे हे, वो परमेसर का आदेस तोड़ हे, काँके परमेसर का आदेस ने तोड़णाइस पाप हे।
हाराई मनकाँ को न्याव करी अन जणा मनकाँ बुरा काम किदा हा अन परबू का विरोद में बोल्याँ हाँ, वाँने दण्ड देई।”