18 पण कुई के सके के, “थाँरा नके विस्वास हे अन मारा नके करम हे।” अबे थूँ मने थाँरो विस्वास बना करम के बता अन मूँ थने मारो विस्वास मारा करम का जरिये बताऊँ।
पण जद्याँ कुई अस्यान की चीज खावे हे, जिंके खाबाऊँ वो संका में वे, तो वो दोसी वेवे हे। काँके वींको खाणो वींका विस्वास का जस्यान कोयने हे अन वो हारोई ज्यो विस्वास पे ने टक्यो तको, वो पाप हे।
अन यद्याँ मूँ परमेसर की बाताँ भी बता सकूँ अन मूँ हारोई भेद भी खोल सकूँ, हारोई ग्यान भी जाण जऊँ अन मने अटे तईं विस्वास भी वे के, मूँ मंगरा ने भी हरका सकूँ हूँ, पण परेम ने करूँ, तो मूँ कई भी ने हूँ।
हो मारा प्यारा भायाँ, आपणाँ नके परमेसर को दिदो तको करार हे। ईं वाते थाँ आवो, अन परमेसर को मान करता तका खुद ने पुवितर करबा का वाते खुद की आत्माने अन देह ने मयनेऊँ अन बारणेऊँ हुगली चिजाँऊँ पुवितर करो।
वणाके विस्वास करबा की वजेऊँ वणा राज-दरबाराँ ने जीत लिदा हा अन वणा धारमिकता का काम भी करिया हा अन ज्यो कई भी परमेसर वाँने देबा को वादो किदो हो, वो हारोई वाँने मल्यो। वणा नार का मुण्डा ने बन्द कर दिदा हा।
काँके विस्वास के बना परमेसर ने राजी ने किदा जा सके हे अन जद्याँ कुई परबू का नके आवे हे, तो वींने विस्वास करणो छावे के, वो हे, अन ज्यो वींने होदे हे, वो वींने फळ देवे हे।