ईं वाते फरीसी आपणाँ चेला ने हेरोदिया का गुट का थोड़ाक मनकाँ का हाते ईसू का नके खन्दाया अन वणा क्यो, “हो गरुजी, माँ जाणा हाँ के, थूँ हाँचो हे, अन परमेसर को गेलो हाँचऊँ हिकावे हे, अन किंकीई दरप ने राके हे, काँके थूँ मनकाँ को मुण्डो देकन बाताँ ने करे हे।
मूँ थने परमेसर, मसी ईसू अन पुवितर हरग-दुत की मोजुदगी में केवूँ हूँ के, थूँ खुला मनऊँ अणा आदेस ने मानज्ये अन ज्यो कई भी थूँ करे, वींने बना पकसपात के करज्ये।
मूँ ईसू मसी का नामऊँ थरप्यो तको परमेसर को दास पोलुस, ओ कागद तीतूस ने लिकरियो हूँ। मने परमेसर का चुण्या तका मनकाँ ने विस्वास में बडाबा का वाते खन्दायो हे, जणीऊँ वीं हाँच ने जाणन हाँचो जीवन जीवे।
वो बेटो परमेसर की मेमा को उजितो हे अन जस्यान परमेसर का लकण हे, वस्यानीस वींका भी लकण हे। वो हारी चिजाँ ने आपणाँ जबरा बचनाऊँ हमाळी राके हे। मनकाँ का पापाँ ने माप करन वो हरग में जान मेमामय परमेसर का जीमणे पाल्डे बेटग्यो हे।
विस्वास का मालिक अन वींने सिद करबावाळा ईसू मसी का आड़ी आपाँ देकता रा। जणी आपणाँ हामें राक्या तका आणन्द का वाते लाज-सरम की चन्ता ने किदी अन हूळी पे दुक जेल्यो अन परमेसर की गादी के जीमणे पाल्डे जान बेटग्यो।
पण ज्यो ग्यान हरगऊँ आवे हे वो हाराऊँ पेल्याँई तो पुवितर वेवे अन वींके केड़े सान्तीऊँ भरियो तको, सेण करबावाळो, बात मानबावाळो, दयाऊँ भरियो तको, हव फळवाळो अन बना पकसपात को अन बना कपट को वेवे हे।
मूँ समोन जिंको नाम पतरस भी हे, ज्यो परबू ईसू मसी को दास अन थरप्यो तको चेलो हे, मूँ ओ कागद वाँ मनकाँ का नाम लिकरियो हूँ, जीं आपणाँ परमेसर अन छुटकारो देबावाळो ईसू की धारमिकता के वजेऊँ आपणे जस्यानीस विस्वास करे हे।