काँके विस्वास के बना परमेसर ने राजी ने किदा जा सके हे अन जद्याँ कुई परबू का नके आवे हे, तो वींने विस्वास करणो छावे के, वो हे, अन ज्यो वींने होदे हे, वो वींने फळ देवे हे।
अलग अलग तरियाँ का अणजाणी हिकऊँ भटको मती, काँके थाँका मन का वाते यो हव के, वो खाबा-पिबा की नेमा का बजाए दयाऊँ मजबूत बणे। अन जणा खाबा-पिबा का नेमाने मान्याँ वणाऊँ वाँको कदी भलो कोनी व्यो।