थाँको विस्वास ज्यो परमेसर के चड़ी तकी बली अन सेवा के जस्यान हे, वींका वाते यद्याँ मने मारो लुई भी वेवाड़णो पड़े तद्याँ भी मूँ राजी हूँ अन थाँ हाराई का हाते खुसी मनाऊँ हूँ।
थाँ केदी मनकाँ का दुक में भी दकी व्या हा। थाँ ओ जाणता हा के, थाँका नके अस्यान की दोलत हे ज्यो हव अन कदी नास ने वेई। ईं वाते थाँ थाँकी दोलत ने भी राजी वेन जब्त वेबा दिदी।
देको, आपाँ धीरज राकबावाळा ने धन्न हमजा हा। थाँ अयुब का धीरज का बारा में तो हुण्योईस हे अन परबू वींने वींको ज्यो फळ दिदो हो, यो थाँ तो जाणोइस हो, काँके परबू तरस अन दया करबावाळा हे।
जो दुक थने जेलणो हे वणीऊँ मती दरप, काँके सेतान थाँका मेंऊँ घणा ने परकबा का वाते जेल में नाक देई। थने वटे दस दनाँ तईं दुक जेलणो पड़ी, पण थूँ हाँचो रेज्ये पलई थाँरी मोत ईं कानी वे जावे। तो मूँ थने जुग-जुग का जीवन को मुकट देऊँ।