कई थाँ ने जाणो हो के, बुरा मनक परमेसर का राज का वारिस ने वेई? धोको मती खावो अन ने गलत वेवार करबावाळो बण, ने मूरताँ पूजो, ने कुकरम, ने मनक मनक का हाते हुगलो काम करे,
हूँस्यार रेज्यो, कुई थाँने अकलऊँ अन धोकाऊँ आपणाँ गुलाम ने बणा ले, ज्यो मनकाँ का रिति-रिवाजऊँ अन दनियाँ की बाताँ के जस्यान तो हे, पण ईसू मसी के जस्यान कोयने।
हो लाड़ला भायाँ, ध्यानऊँ हुणो। कई परमेसर वाँने ने चुण्या ज्यो ईं दनियाँ की देकणी में गरीब हे, जणीऊँ वीं विस्वास का धनी वेजावे अन वीं वणी राज का हकदार बणे, जिंने परमेसर आपणाँऊँ परेम करबावाळा ने देबा को वादो किदो हे।
हो भायाँ, थाँ एक दूजाँ ने बदनाम मत करो। अन ज्यो कुई आपणाँ भई ने बदनाम करे हे अन दोस लगावे हे। अस्यान करन वो नेमा का विरोद में बोले हे अन नेमा ने दोसी ठेरावे हे। अस्यान करबाऊँ थाँ नेमाने मानबावाळा ने, पण वींका न्याव करबावाळा बण जावो हो।
हो भायाँ, हाराऊँ मोटी बात तो या हे के, थाँ होगन मती खाज्यो, ने तो हरग की अन ने धरती की अन नेई कणी चीज की। पण थाँकी बाताँ हा की हा अन ने की ने वेवे, जणीऊँ थाँने परमेसर को दण्ड ने भोगणो पड़े।